सर्दी नजले जुकाम की होम्योपैथिक दवा | Homeopathic Medicine For Common Colds in Hindi
सर्दी नजले जुकाम की होम्योपैथिक दवा Homeopathy में अधिकतर प्रयोग में लाई जाने वाली दवाइयां , सर्दी नजले जुकाम का होम्योपैथिक इलाज-सर्दी जुकाम के लक्षण
जब किसी व्यक्ति की श्वास नाली में प्रदाह/ सूजन हो जाती है तो सर्दी और जुकाम की समस्या हो उत्पन्न जाती है। नाक की झिल्ली में प्रदाह होने से अक्सर जुकाम होता है और जब नाक और गले के भीतर दोनों नालियों में सूजन या सर्दी लगती है तो सर्दी जुकाम के साथ हमारे शरीर मेंका तापनमान बदल जाता है। जिसे रोगीको भुखार हो जता है। यही सर्दी लगने तथा जुकाम होने से नाक से स्त्रावहोता है और नाक से एक तरहज जका चिपचिपा पदार्थ निकलता है उसके साथ सिर दर्दरहना और आँखों से पानी भी निकलता हैं । अधिक दिनो तक सर्दी तथा जुकाम रहने से रोगी कमजोर होने लागत है और अधिक दिनों तक सर्दी तथा जुकाम रहने से रोगी कमजोर हो सकता है चक्कर तथा आंखों के सामने अंधेरा छा जाना या रोगी का बी. पी. भी कम हो सकता है
सर्दी जुकाम के लक्षण : छींके आना, नाक से पानी या चिपचिपा पदार्थ निकलना सिर में दर्द व भुखार रहना ,बेचैनी नींद न आना , अथवा शरीर में अत्यधिक सुस्ती होना बदन में अंगड़ाई आना व जम्हाई लेना ,सिर में भारीपन रहना आँखों से पानी जारी होना और भूख कम लगना इत्यादि सर्दी व जुकाम के लक्षण हैं ।
सर्दी / जुकाम के कारण
वर्षा में भीगना , नमी वाले स्थान में देर तक रहना, पेट की गङबङी होना, एक-एक ठंडा व गर्म चीज का प्रयोग कर लेना ,भीगे कपङे पहनना , हर समय बालों को भिगोना ,सर्दियों में कम कपङे पहनना आदि कारण हो सकते हैं ।
सर्दी जुकामके लिए के महत्त्वपूर्ण दवाएं :
Acconite : जब किसी को एका-एक अचानक सर्दी हो जाये तो इस दवा से विशेष लाभ होता है सर्दी व जुकाम की प्रारंभिक अवस्स्था में इस दवा से विशेष लाभ होता है और इस दवा का उपयोग जब किसी रोगी को खासकर खुली ठंडी हवा लगकर रोग हो जाए और उसे अत्यंत ठंडक महसूस हो उसके साथ में सिर दर्द,छींकें आना, आंखों से पानी गिरना तथा-साथ रोगी को सूखी खाँसी , रोगी को बंद जगह में रहने से रोग बढ़े तथा खुली हवा में वह अपने आप को बहुत ही आराम दायक महसूस करे तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
प्रयोग विधि : Acconite 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Arsenic Album : जब रोगी को सर्दी के साथ - साथ तीन लक्षणों में से कोई एक लक्षण मौजूद हो जैसे-अत्यधिक प्यास , अत्यधिक बेचैनी अथवा बहुत छेंकें आएं तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए । यदि किसी रोगी में इन तीन लक्षणों प्यास , बेचैनी अथवा छेंकें आनन में से कोई लक्षण मौजूद नहीं है तो उस रोगी को Arsenic Album दवा बिलकुल फायदा नहीं करेगी । Arsenic Album के रोगी को गले में खराश की शिकायत , बार - बार जुकाम होना , सीने में दर्द होना इत्यादि लक्षण भी रहते हैं ।
प्रयोग विधि : Arsenic 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Alleium sepia : जब किसी रोगी को सर्दी लगने के साथ-साथ अत्यधिक छींकें आती हों और नाक से पानी जैसा गर्म-गर्म स्त्राव निकलता हो , तथा सिर दर्द के साथ आवाज बैठी हुई हो , रोगी को खुली हवा में जाने से अच्छा महसूस हो और गर्म कमरे में जाने से रोगी के लक्षणों में बढ़ोतरी हो तो यह दवा विशेष कर फ़ायदा करती है ।
प्रयोग विधि : Alleium sepia 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Nux Vomica : यह दवा सर्दी के ऐसे रोगियों के लिए फ़ायदा करती है लाभदायक है जिन्हें रात में नाक में अत्यधिक सूखापन रहता है और सुबह होते ही एक के बाद एक छींके आना शुरू हो जाता है और नाक से पानी की तरह स्त्राव होता है ।
प्रयोग विधि :Nux Vomica - 30 , दिन में 4 से 6 बार ।
Euphureshia : जब किसी रोगी को बार लगातार बहने वाला जुकाम हो जाए तथा उसका रंग सफ़ेद हो और आँखों में हर समय जलन पैदा करने वाला स्त्राव हो तथा उसके साथ बेचैनी , चेहरा गर्म परन्तु रोगी का शरीर बिल्कुल ठंडा रहता हो , रोगी को अत्यधिक ठंडक महसूस हो तथा सायंकाल में रोगी के लक्षणों में बढ़ोतरी हो तो इस प्रकार के लक्षण रहने पर यह दवा फ़ायदा करती है ।
Euphureshia - 30 दिन में 4 से 6 बार ।
Gelsmiuam Semper : जब थुथले , मोटे, चर्बी शुदा गोरे व्यक्तियों को नज़ला जुकाम हो जाए तथा उसके साथ बुखार हो , और उसके साथ सर्दी लग जाए , सिर भारी-भारी लगना, और छींकें आना , काटने फाड़ने वाला नाक से स्त्राव हो , नाक के नथुने लाल हों और शरीर में अत्यधिक सुस्ती रहने पर यह दवा फ़ायदा करती है ।
Pulsetilla : जब रोगी की सर्दी पुरानी हो जाये और उसके साथ नाक से निकलने वाला स्त्राव का रंग पीला बिलकुल अंडे की जर्दी के जैसा हो , रोगी के मुँह का स्वाद बिलकुल गायब हो जाये और उसमें सूंघने की शक्ति बिलकुल न रहे तो यह दवा विशेष कर फ़ायदा करती है ।
प्रयोग विधि : Pulsetilla 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Kali Bicrome : जब रोगी का रोग की सर्दी और जुकाम अत्यधिक पुराना हो जाये और नाक से गाढ़ा पीला या हरा बलग़म निकले तो यह दवा फ़ायदा करती है ।
प्रयोग विधि : Kali Bicrome 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Merc Sol : जब रोगी का रोग की सर्दी और जुकाम अत्यधिक पुराना हो जाये औरउसके साथ में रोगी गले में सूजन तथा सेन्स्लेटिस हो जाएँ , रोगी को खाने और निगलने में अत्यधिक कठनाई हो और नाक की हड्डी में सूजन होना , नाक से हरे राण का स्त्राव निकले पसीने के साथ हाथों पैरों तथा सिर में दर्द हो तो यह दवा विशेष फ़ायदा करती है , मर्क साल के रोगियों के लक्षण सर्दी व गर्मी दोनों में बढ़ते हैं ।
Belladona : बेलाडोना के रोगियों में नजला और जुखाम के साथ चेहरा लाल तथा उसमें अजीब तिलमिला हट रहती है, रोगी सर्दी व जुकाम की वजह से सो नहीं सकता है और रोगी को खांसी की भी शिकायत रहताी है ।
Broyonia Alba : इसमें रोगियों को सर्दी व जुकाम के साथ चिड़चिड़ापन भी रहता है रोगी का रोग हिलने व डुलने से बढ़ता है इसलिए रोगी एकदम शांत और चुपचाप पड़ा रहता है , रोगी बात करने की इच्छा बिलकुल नहीं रहती है और उसका पूरा शरीर गर्म रहता है।
Sulphur : जब किसी रोगी को अक्सर नज़ला व जुकाम की शिकायत बानी रहे जिससे उसका नहाने मन बिलकुल न करे, रोगी का रोग ठंडक से बढे तो ऐसे रोगियों के लिए सल्फर बहुत ही बढ़िया दवा है।
Tuberclainum : जब किसी रोगी को बार -बार नजला जुकाम की समस्या बानी रहे और कोई भी दवा काम न कर रही हो तथा रोगी में फेफड़े से सम्बंधित कोई गंभीर रोग/ समस्या हो तो इस दवा से विशेष लाभ होता है , इस दवा का सावधानीपूर्वक किसी चिकित्सक के परामर्शानुसार उसकी देख -रेख में करना चाहिए।
आखिर में कुछ शब्द...
ऊपर दी गई होम्योपैथिक दवाएं सर्दी नज़ला जुकाम में विशेष रूप से लाभकारी है यदि किसी व्यक्ति को सर्दी नज़ला जुकाम हो गया है तो ऊपर दी गई होम्योपैथिक दवा में से सर्दी नज़ला जुकाम के लक्षणों को हिसाब से ही प्रयोग करना चाहिए क्योंकि कोई भी होम्योपैथी दवा किसी भी रोग के लिए उसके लक्षण विशेष पर ही आधारित होती है हमने में ऊपर जि तनी भी दवाएं दी है सर्वप्रथम किसी रोगी को दी गई दवाइयों के लक्षणों से अपने लक्षणों का मिलान कर लेना चाहिए और लक्षण मिलान करने पर सदैव एक समय में केवल एक ही दवा का उपयोग करना चाहिए अगर आप में से किसी को सर्दी नज़ला जुकाम हो गया है और किसी एक दवा का उपयोग करने के बाद आपको विशेष फायदा नहीं हुआ है तो आपको लक्षणों के मिलान करके दूसरी दवा का उपयोग करना चाहिए अगर किसी व्यक्ति को सर्दी नज़ला जुकाम के लिए होम्योपैथिक दवाई प्रयोग करने के बाद उसके लक्षणों में बढ़ोतरी हो रही है और उसकी समस्या बढ़ रही है तो उसको तुरंत किसी अच्छे होम्योपैथ से अवश्य परामर्श करना चाहिए।
सर्दी जुकाम के लक्षण : छींके आना, नाक से पानी या चिपचिपा पदार्थ निकलना सिर में दर्द व भुखार रहना ,बेचैनी नींद न आना , अथवा शरीर में अत्यधिक सुस्ती होना बदन में अंगड़ाई आना व जम्हाई लेना ,सिर में भारीपन रहना आँखों से पानी जारी होना और भूख कम लगना इत्यादि सर्दी व जुकाम के लक्षण हैं ।
सर्दी / जुकाम के कारण
वर्षा में भीगना , नमी वाले स्थान में देर तक रहना, पेट की गङबङी होना, एक-एक ठंडा व गर्म चीज का प्रयोग कर लेना ,भीगे कपङे पहनना , हर समय बालों को भिगोना ,सर्दियों में कम कपङे पहनना आदि कारण हो सकते हैं ।
सर्दी जुकामके लिए के महत्त्वपूर्ण दवाएं :
Acconite : जब किसी को एका-एक अचानक सर्दी हो जाये तो इस दवा से विशेष लाभ होता है सर्दी व जुकाम की प्रारंभिक अवस्स्था में इस दवा से विशेष लाभ होता है और इस दवा का उपयोग जब किसी रोगी को खासकर खुली ठंडी हवा लगकर रोग हो जाए और उसे अत्यंत ठंडक महसूस हो उसके साथ में सिर दर्द,छींकें आना, आंखों से पानी गिरना तथा-साथ रोगी को सूखी खाँसी , रोगी को बंद जगह में रहने से रोग बढ़े तथा खुली हवा में वह अपने आप को बहुत ही आराम दायक महसूस करे तो इस दवा का प्रयोग करना चाहिए।
प्रयोग विधि : Acconite 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Arsenic Album : जब रोगी को सर्दी के साथ - साथ तीन लक्षणों में से कोई एक लक्षण मौजूद हो जैसे-अत्यधिक प्यास , अत्यधिक बेचैनी अथवा बहुत छेंकें आएं तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए । यदि किसी रोगी में इन तीन लक्षणों प्यास , बेचैनी अथवा छेंकें आनन में से कोई लक्षण मौजूद नहीं है तो उस रोगी को Arsenic Album दवा बिलकुल फायदा नहीं करेगी । Arsenic Album के रोगी को गले में खराश की शिकायत , बार - बार जुकाम होना , सीने में दर्द होना इत्यादि लक्षण भी रहते हैं ।
प्रयोग विधि : Arsenic 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Alleium sepia : जब किसी रोगी को सर्दी लगने के साथ-साथ अत्यधिक छींकें आती हों और नाक से पानी जैसा गर्म-गर्म स्त्राव निकलता हो , तथा सिर दर्द के साथ आवाज बैठी हुई हो , रोगी को खुली हवा में जाने से अच्छा महसूस हो और गर्म कमरे में जाने से रोगी के लक्षणों में बढ़ोतरी हो तो यह दवा विशेष कर फ़ायदा करती है ।
प्रयोग विधि : Alleium sepia 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Nux Vomica : यह दवा सर्दी के ऐसे रोगियों के लिए फ़ायदा करती है लाभदायक है जिन्हें रात में नाक में अत्यधिक सूखापन रहता है और सुबह होते ही एक के बाद एक छींके आना शुरू हो जाता है और नाक से पानी की तरह स्त्राव होता है ।
प्रयोग विधि :Nux Vomica - 30 , दिन में 4 से 6 बार ।
Euphureshia : जब किसी रोगी को बार लगातार बहने वाला जुकाम हो जाए तथा उसका रंग सफ़ेद हो और आँखों में हर समय जलन पैदा करने वाला स्त्राव हो तथा उसके साथ बेचैनी , चेहरा गर्म परन्तु रोगी का शरीर बिल्कुल ठंडा रहता हो , रोगी को अत्यधिक ठंडक महसूस हो तथा सायंकाल में रोगी के लक्षणों में बढ़ोतरी हो तो इस प्रकार के लक्षण रहने पर यह दवा फ़ायदा करती है ।
Euphureshia - 30 दिन में 4 से 6 बार ।
Gelsmiuam Semper : जब थुथले , मोटे, चर्बी शुदा गोरे व्यक्तियों को नज़ला जुकाम हो जाए तथा उसके साथ बुखार हो , और उसके साथ सर्दी लग जाए , सिर भारी-भारी लगना, और छींकें आना , काटने फाड़ने वाला नाक से स्त्राव हो , नाक के नथुने लाल हों और शरीर में अत्यधिक सुस्ती रहने पर यह दवा फ़ायदा करती है ।
Pulsetilla : जब रोगी की सर्दी पुरानी हो जाये और उसके साथ नाक से निकलने वाला स्त्राव का रंग पीला बिलकुल अंडे की जर्दी के जैसा हो , रोगी के मुँह का स्वाद बिलकुल गायब हो जाये और उसमें सूंघने की शक्ति बिलकुल न रहे तो यह दवा विशेष कर फ़ायदा करती है ।
प्रयोग विधि : Pulsetilla 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Kali Bicrome : जब रोगी का रोग की सर्दी और जुकाम अत्यधिक पुराना हो जाये और नाक से गाढ़ा पीला या हरा बलग़म निकले तो यह दवा फ़ायदा करती है ।
प्रयोग विधि : Kali Bicrome 30 दिन में 3 से 4 बार ।
Merc Sol : जब रोगी का रोग की सर्दी और जुकाम अत्यधिक पुराना हो जाये औरउसके साथ में रोगी गले में सूजन तथा सेन्स्लेटिस हो जाएँ , रोगी को खाने और निगलने में अत्यधिक कठनाई हो और नाक की हड्डी में सूजन होना , नाक से हरे राण का स्त्राव निकले पसीने के साथ हाथों पैरों तथा सिर में दर्द हो तो यह दवा विशेष फ़ायदा करती है , मर्क साल के रोगियों के लक्षण सर्दी व गर्मी दोनों में बढ़ते हैं ।
Belladona : बेलाडोना के रोगियों में नजला और जुखाम के साथ चेहरा लाल तथा उसमें अजीब तिलमिला हट रहती है, रोगी सर्दी व जुकाम की वजह से सो नहीं सकता है और रोगी को खांसी की भी शिकायत रहताी है ।
Broyonia Alba : इसमें रोगियों को सर्दी व जुकाम के साथ चिड़चिड़ापन भी रहता है रोगी का रोग हिलने व डुलने से बढ़ता है इसलिए रोगी एकदम शांत और चुपचाप पड़ा रहता है , रोगी बात करने की इच्छा बिलकुल नहीं रहती है और उसका पूरा शरीर गर्म रहता है।
Sulphur : जब किसी रोगी को अक्सर नज़ला व जुकाम की शिकायत बानी रहे जिससे उसका नहाने मन बिलकुल न करे, रोगी का रोग ठंडक से बढे तो ऐसे रोगियों के लिए सल्फर बहुत ही बढ़िया दवा है।
Tuberclainum : जब किसी रोगी को बार -बार नजला जुकाम की समस्या बानी रहे और कोई भी दवा काम न कर रही हो तथा रोगी में फेफड़े से सम्बंधित कोई गंभीर रोग/ समस्या हो तो इस दवा से विशेष लाभ होता है , इस दवा का सावधानीपूर्वक किसी चिकित्सक के परामर्शानुसार उसकी देख -रेख में करना चाहिए।
आखिर में कुछ शब्द...
ऊपर दी गई होम्योपैथिक दवाएं सर्दी नज़ला जुकाम में विशेष रूप से लाभकारी है यदि किसी व्यक्ति को सर्दी नज़ला जुकाम हो गया है तो ऊपर दी गई होम्योपैथिक दवा में से सर्दी नज़ला जुकाम के लक्षणों को हिसाब से ही प्रयोग करना चाहिए क्योंकि कोई भी होम्योपैथी दवा किसी भी रोग के लिए उसके लक्षण विशेष पर ही आधारित होती है हमने में ऊपर जि तनी भी दवाएं दी है सर्वप्रथम किसी रोगी को दी गई दवाइयों के लक्षणों से अपने लक्षणों का मिलान कर लेना चाहिए और लक्षण मिलान करने पर सदैव एक समय में केवल एक ही दवा का उपयोग करना चाहिए अगर आप में से किसी को सर्दी नज़ला जुकाम हो गया है और किसी एक दवा का उपयोग करने के बाद आपको विशेष फायदा नहीं हुआ है तो आपको लक्षणों के मिलान करके दूसरी दवा का उपयोग करना चाहिए अगर किसी व्यक्ति को सर्दी नज़ला जुकाम के लिए होम्योपैथिक दवाई प्रयोग करने के बाद उसके लक्षणों में बढ़ोतरी हो रही है और उसकी समस्या बढ़ रही है तो उसको तुरंत किसी अच्छे होम्योपैथ से अवश्य परामर्श करना चाहिए।
अस्वीकरण: इस ब्लॉग पर उपलब्ध सामग्री केवल इन्फॉर्मेशनल उद्देश्य के लिए है और किसी चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के परामर्श, निदान या चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए सदैव किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। Saralpathy इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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