बालों का झड़ना, गंजापन - 9 मिथ्स (गलतफहमियां) | 9 Hair Loss Myths in Hindi
आज हम यहाँ आपको बालों के झड़ने, सफ़ेद होने और गंजापन से सम्बंधित सभी मिथ्स / मिसकन्सेप्शन को दूर करने की कोशिश करेंगे।
बालों की समस्याएं, बाल टूटना, बाल अत्यधिक पतले हो जाना (पतलापन), बालों का सफ़ेद होना, बालों का झड़ना तथा गंजापन आज के लोगों में आम होती जा रही हैं। लेकिन बालों की समस्याओं को लेकर कुछ लोग गलत जानकारी के आधार पर उन्हें गलतफहमियां हो जाती हैं। जिनको लेकर वे अपने बालों की समस्याओं को लेकर अत्यधिक गंभीर रहते हैं।
कोई कहता है कि बाल इस वजह से झड़ते है, कोई कहता है कि बाल उस वजह से झड़ते हैं। बहुत सारे लोग, बाल झड़ने के सही कारण न जानने की वजह से मन गढ़ंत बातों पर विश्वास करने लगते हैं। आज हम यहाँ आपको बालों का झड़ना और गंजापन से सम्बंधित सभी मिथ्स / मिसकन्सेप्शन और गलतफहमियां / अवधारणाओं पर बात करेंगे और उनको दूर करने की कोशिश करेंगे।
हेयर लॉस के 9 प्रचलित मिथ्स-
1. जल्दी-जल्दी बाल कटवाने से बाल घने और तेजी से बढ़ते हैं।
बहुत सरे लोगों को यह ग़लतफहमी होती है कि अगर बाल जल्दी जल्दी कटवाए जाएँ तो बाल तेजी से बढ़ते (Growth) है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। कई रिसर्च में यह बात सिद्ध हो चुकी है कि जल्दी -जल्दी बाल कटवाने और बाल झड़ने के आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है। जबतक बालों की समस्याओं का आप समाधान नहीं करते है, बाल झड़ते रहते है
2. हेड शेविंग (उस्तरा लगवाने) से नए बाल निकलते हैं।
आपको कुछ लोग ये कहते हुए मिलेंगे कि हर हफ्ते अगर आप उस्तरे से सरे बाल साफ़ करवाएं तो नए बाल निकलते है। आपके बाल घने हो जाएँगे। तो ऐसा नहीं है। उस्तर लगवाने से नए बाल बिलकुल नहीं निकलते है। बाल छोटे होने कि वजह से ये आपसे में चिपकते नहीं है, जिससे ये थोड़ा सा घने प्रतीत होते है। जैसे ही बाल लम्बे होंगे ये पहले की तरह दिखाई देने लगेगें।
3. छोटे अथवा जीरो लेंथ के बाल रखने से बाल कम झड़ते हैं।
छोटे अथवा जीरो लेंथ के बाल रखने से बालों के झड़ने पर कोई असर नहीं पड़ता है। ये बाल जिसे दर से झड़ते हैं उसी तरह झड़ते है। क्योंकि बाल छोटे होते हैं इसलिए ये दिखाई नहीं पड़ते।
4. कैप, हैट या टोपी पहनने से गंजापन पैदा होता है।
यह भी बात बिलकुल गलत है कि कैप, हैट या टोपी पहनने से हेयर फॉलिकल्स डेड हो जाते हैं और गंजापन पैदा होता है। कैप, हैट या टोपी पहनने से किसी प्रकार कि कोई हानि नहीं होती है। न तो गंजापन पैदा होता है और न ही बालों के झड़ने या हेयर ग्रोथ पर कोई प्रभाव पड़ता है।
5. नियमित रूप से हाथ की उँगलियों के नाखूनों को आपस में रोजाना 5 मिनट रगड़ने से बालों का झड़ना तथा गंजापन दूर होता है।
इस बात का कोई भी साइंटिफिक प्रमाण नहीं है, उँगलियों के नाखूनों को आपस में परस्पर रगड़ने से स्कैल्प में खून का दौरान (ब्लड सर्कुलेशन) बढ़ जाता है और बालों का झड़ना रूक जाता है तथा गंजापन दूर होता है।
6. धूप में ज्यादा एक्सपोज़र से बालों के झड़ने की समस्या पैदा होती है।
कुछ लोग कहते हैं कि धूप में अधिक समय तक रहने से बालों में झड़ने या गंजापन पैदा होने की समस्या की सम्भावना बढ़ जाती है। अपने देखा होगा कि अक्सर कुछ लोगों का अधिकतर समय धूप में बीतता है, लेकिन उनके बालों में किसी प्रकार की कोई समस्या पैदा नहीं होती है।
7. ज्यादा तनाव लेने से बाल झड़ते हैं।
बाल झड़ना या गंजापन पैदा होना और तनाव दोनों अलग-अलग समस्याएं हैं। तनाव होना या अधिक तनाव लेने के कारण बालों पर कोई समस्या नहीं होती है।
8. जैसे- जैसे उम्र बढ़ती है, बाल भी उसी दर से गिरना शरू होते हैं और गंजापन पनपने लगता है।
अगर किसी को बालों से सम्बंधित कोई समस्या है तो बाल झड़ना और गंजापन की बीमारी आपको परेशान कर सकती है, चाहे उम्र कोई भी हो इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है। कई लोगों को देखा होगा कि बहुत ही कम उम्र में बाल झाड़ जाते है और गंजेपन का शिकार हो जाते हैं। इसके विपरीत यदि किसी को बालों की कोई समस्या नहीं है तो काफी उम्रदराज़ और बूढ़े लोगों में अंत तक घने बाल भी बने रहते हैं।
9. केवल पुरुष ही गंजेपन का शिकार होते हैं।
ऐसा नहीं ही है कि केवल पुरुष ही बाल झड़ने या गंजेपन की समस्या से पीड़ित होते हैं। महिलाएं भी बालों की समस्या से परेशान होती है। जिस प्रकार से पुरुषों में मेल पैटर्न बाल्डनेस (MPB) की समस्या होती है और बहुत ही कम या नवउम्र में लड़के गंजे होने लगते है, उसी प्रकार से महिलाओं में भी फीमेल पैटर्न बाल्डनेस (FPB) की समस्या होती है, और बहुत ही कम उम्र की महिलाएं और लड़कियां भी गंजी हो जाती हैं।
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