एग्नस कास्ट के फायदे | Agnus Castus Q, 30, 200, M Uses in Hindi
Agnus Castus Ke Fayde | Homeopathic Medicine Agnus Castus Q, 30, 200, M & 10 M Uses in Hindi | एग्नस कास्टस या एग्नस कास्ट के फायदे
[परिचय : यह एक प्रकार का यूरोप में पाया जाने वाला गुल्म का फल होता है]
परुषों की बीमारी में एग्नस कास्ट के फायदे-
ऐगनस-नपुंसकता, स्वप्नदोष, धात-रोग, स्पमाटोरिया (वीर्यस्खलन), ध्वजभंग(अर्थात - ऐसी स्थिति जिसमें पुरुष में स्त्री के साथ संभोग की शक्ति नहीं रह जाती), प्रमेह, लिंग के मुंह पर थोड़ा-थोड़ा पीले रंग का लसदार स्राव लगा रहना, पाखानेके वेग के साथ या नींद के समय वीर्य स्खलन इत्यादि रोगों में भी यह विशेष लाभदायक है।
स्त्रियों और पुरुषों दोनों की जननेन्द्रियों एग्नस कास्ट की प्रधान क्रिया होती है। किन्तु साधारणतः स्त्री की अपेक्षा पुरुषों पर ही क्रिया अधिक होती है। जब किसी परुष में बहुत अधिक स्त्री-सहवास के कारण असमय में ही बुढ़ापा, बार-बार प्रमेह का आक्रमण और ध्वजभंग (अर्थात - ऐसी स्थिति जिसमें पुरुष में स्त्री के साथ संभोग की शक्ति नहीं रह जाती) इत्यादि रोग पैदा होजायें तो ऐसे रोगों में उपचार हेतु Agnus Cast का अधिक व्यवहार होता है।
जिन लोगों को बहुत दिनों तक इन्द्रिय-सेवन करने से ( old sinners ) क्रम से एकदम ध्वजभंग हो गया हो, स्त्री-संभोग करने की इच्छा बहुत प्रबल रहने पर भी जो एकदम शक्तिहीन हो रहे हैं, जिनका लिंग शिथिल, ठण्डा व टेढ़ा, आकारमें एकदम छोटा हो गया हो या जिन्हें रमणेच्छा बिलकुल ही नहीं होती, किसी कामोत्तेजक बात या स्त्री आलिंगन करनेपर भी जिनको लिङ्गोद्रेक नहीं होता उनके लिये और जिन्हें बार-बार प्रमेह होकर ध्वजभंग हो गया हो, उनके लिये ऐगनस अमृतकी तरह कार्य करता है। नपुंसकता में केलेडियम और सेलिनियम के बाद Agnus Castus ज्यादा लाभ करता है।
इसके अलावा-जो स्त्री बन्ध्या हो, जिसके ऋतु बन्द हो या बहुत थोड़ा स्राव होता हो, स्वामी-संगकी इच्छा बिलकुल ही न होती हो, स्तनमें दूध न रहना, जरायु की सूजन और प्रदाह इत्यादि स्त्री-रोगों में भी एग्नस कास्ट विशेष लाभदायक है
ऐगनस कास्ट-लिम्फेटिक धातु ( लसिका धातु ) के लिये अधिक लाभदायक है।
कुचलकर या मोच खा जाने के कारण हुए दर्द में भी ऐगनस कास्ट लाभ करता है ।
डॉ० हेरिङ्गका कहना है बहुत ज्यादा वीर्य नष्ट करके जो युवक थोड़ी ही दिनों में वृद्धों की तरह दिखाई पड़ने लग जाते है, उनके लिए Agnus Cast Homeopathic Medicine बहुत ही असर कारक है।
वीर्य / शुक्र-क्षय और जननेन्द्रियकी कमजोरी (नपुंसकता) में प्रयुक्त होने वाली और भी कई दवाओंका विवरण नीचे दिया जा रहा है-
स्त्री-सहवास की इच्छा बहुत थोड़ी या एकदम शक्तिहीन पर सलफर होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करें ।
लिंग इतना शिथिल और कमजोर कि स्त्रीके साथ नाना प्रकारकी चेष्टा या कल्पना करनेपर भी.लिंगोद्रेक नहीं होता हो तो इसके लिए ऐगरिकस या कोनायम होम्योपैथिक दवा का प्रयोग लक्षण के अनुसार किया जा सकता है।
लिंग क्रमशः छोटा और शिथिल होता जाना पर अजेण्ट नाइट्रिकम होम्योपैथिक दवा का प्रयोग कर सकते है।
अगर किसी व्यक्ति में स्त्री-सहवासके बाद भी वीर्य स्खलन जैसी समस्या हो तो फॉस्फोरस होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करें।
जब किसी को किसी तरह का स्वप्न आदि बिना देखे ही वीर्य स्खलन हो तो इसके लिए -जेलसिमियम होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करें।
प्रमेह रोग की ग्लीट-अवस्थामें ध्वजमंग हेतु सलफर होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करें ।
पीले रंगके प्रमेह-स्रावके साथ-हाइड्रेस्टिस या पल्सेटिला होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
अगर किसी को मॉल त्याग / पाखाने में जोर देने के समय सफेद रंग का शुक्र निकल जाता हो तो इस तरह की परुषोंकी समस्या को दूर करने के लिए ऐसिड फॉस, सैलिक्स नाइना या साइलिसिया-१०,००० शक्ति की एक मात्रा, १ महीने के अन्तर से सेवन करने से रोग में बहुत अधिक लाभ होता है।
स्त्रियों की बीमारी में एग्नस कास्ट के फायदे-
स्तन का दूध घटना-
ऐगनस कास्ट भी-स्तन में दूध नर हने की दवा है। यदि किसी कारण वश स्तन का दूध एकदम घट गया हो तो भी इससे फायदा होता है, भूख बढ़ती है।
इसके अलावा फ्रैगेरिया ( fragaria) या गैलेगा ( galega) नामक इन दो औषधियों की निम्न-शक्ति, यदि प्रसूता नियमित रूपसे कुछ दिन सेवन करे तो दूध का परिमाण बढ़ जाता है।
श्वेत-प्रदर-
श्वेत-प्रदर में यदि कपड़े में पीले रंगका दाग पड़ता है तो एग्नस बढ़िया काम करती है और इसके साथ स्त्रियों के इससे बहुतेरे रोग अच्छे हो जाते हैं।
बादकी दवा-
आर्स, ब्रायो, कैलेडि, इग्ने, लाइको, पल्स, सेलिनियम, सलफर ।
क्रियानाशक-
केम्फर, नक्स ।
क्रियाका स्थितिकाल-
८-१४ दिन ।
क्रम-
एग्नस कास्ट - (क्यू) से (उच्च शक्ति)
Agnus Castus Q (Mother Tincture) 3x, 30, 200, 1000, 10M ।
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