ऐसिड गैलिकम | Homeopathic Medicine – Acid Gallicum Uses in Hindi

 ऐसिड गैलिकम ( Acid Gallicum ) [ माजूफल ] – यह रक्तस्राव रोकने के लिये प्रसिद्ध है। ब्राइट्स डिजीज के कारण रक्तस्राव, वृक (किडनी) से रक्तस्राव; प्रॉस्टेट ग्लैण्ड ( यह मूत्राशयमुखशायी प्रन्थि मूत्राशय के मुँह पर नीचे की ओर रहती है) के प्रदाह की वजह से रक्तस्राव इत्यादि रोगों में और मूत्र ग्रन्थि के प्रदाह ( Nephritis ) की वजह से पेशाब में जलन व ऑक्ज़े लेट रहनेपर अकसर इससे बहुत ज्यादा फायदा होता है। साधारणतः इसका १x ट्राइटुरेशन ही अधिक लाभदायक होता है।

थाइसिस – यक्ष्मा-रोगमें यह दवा नियमित रूप से सेवन करनेसे दूषित साव निकलना बन्द हो जाता है और पाकस्थलीकी क्रिया भी क्रमशः बढ़ जाती है। फेफड़ोंमें दर्द, फेफड़ेसे निकल कर मुँहसे रक्तस्राव और बहुत ज्यादा बलगम निकलना, सवेरे कण्ठ में बहुत ज्यादा परिमाणमें श्लेष्मा इकट्ठा होना किन्तु रात में कण्ठ सूखा रहना, कुछ भी नहीं रहना – यदि थाइसिस की बीमारी के साथ ये उपसर्ग रहें तो ऐसिड गैलिकम से और भी ज्यादा लाभ होगा। 

कब्जियत – 

कब्जियत में ऐसिड गैलिक – १x विचूर्ण १० ग्रेनकी मात्रा में नित्य ४-५ बार कुछ दिनों तक सेवन करना चाहिये ।

सदृश – आर्स आयोड, कैल्केरिया कार्ब, फॉस, सलफर। 

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