गोखरू का सफल इलाज – Homeopathy [Top 5 Medicines]

पैर के तलवे में गोखरू


गोखरू क्या है
गोखरू एक आम और साधारण बीमारी है जो अक्सर हमारे पैरों के तलवे में अथवा त्वचा पर गलत दबाव अथवा घर्षण के कारण उत्पन्न होती है। जब हम गलत आकार का जूता या चप्पल पहनते हैं या हमारे तलवे के नीचे कोई  कंकड़ – पत्थर पड़ने  से उत्पन्न दबाव के कारण गोखरू का जन्म होता है। गोखरू अक्सर हमारे शरीर की चिकनी त्वचा जैसे पैर के तलवे पैर की उंगलियों, हथेली और हाथ की उंगलियों में होता है जब हमारे शरीर की हथेलियां पैर के तलवे पर किसी कारणवश गैरजरूरी दबाव पड़ता है तो उस जगह की त्वचा कठोर हो जाती है और यही त्वचा धीरे-धीरे समय के साथ साथ गोखरू का रूप धारण कर लेती है  यह मोटी त्वचा एक धब्बे, दाने या फिर छाले के रूप में दिखने लगती है गोखरू में कभी-कभी बहुत तेज दर्द होता है और अगर गोखरू पैर में हो जाए तो यह बहुत ही तकलीफ देय होता है जिससे चलना फिरना मुश्किल हो जाता है।

गोखरू के इलाज के लिए बहुत से तरीके उपलब्ध है लेकिन गोखरू को होम्योपैथी से आसानी से ठीक किया जा सकता है।

आइए जानते हैं कि होम्योपैथी में गोखरू के लिए कौन कौन सी 5 दवाएं हैं जो गोखरू में अच्छा काम करती है गोखरू को होम्योपैथी से इलाज करने का यह भी फायदा होता है कि एक बार गोखरू खत्म हो जाता है तो यह दोबारा नहीं होता परंतु हम गोखरू को खत्म कर ठीक करने के लिए कोई दूसरी तरीका जैसे एलोपैथी दवाएं हैं या फिर सर्जरी करवाते हैं तो कई बार या दोबारा भी हो सकता है।

होम्योपैथी में गोखरू के लिए यह टॉप 5 दवाएं इस्तेमाल करें 

1. एंटीमोनियम क्रूड [गोखरू की न. 1 दवा] 
यह होम्योपैथिक दवा जब पैर के तलवे में गोखरू के साथ तेज दर्द हुआ और रोगी बिल्कुल चल फिर नहीं सकता हो तो इस प्रकार के लक्षण में एंटीमोनियम क्रूड से ज्यादा फायदा होता है जब गोखरू बहुत ही कड़ा हो जाए और कई सारे गोखरू एक साथ हो जाए और उनमें बहुत अधिक दर्द रहे तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए। एंटीमोनियम क्रूड का लगातार तीन चार महीने तक उपयोग करने से गोखरू को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।

Buy  एंटीमोनियम क्रूड

2. सल्फर 
जब रोगी को गोखरू के साथ-साथ तलवे में अत्यधिक जलन और पैरों के तलवे से अत्यधिक पसीना आए तो ऐसे रोगियों के लिए होम्योपैथी में सल्फर का प्रयोग किया जाता है सल्फर से मात्र कुछ दिनों के प्रयोग से गोखरू पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता है।

3. थूजा ऑक्सीडेंटलिस  [गोखरू की न. 2 दवा]
जब गोखरू थोड़ा पुराना हो जाए और उपर्युक्त बताई गई होम्योपैथिक दवाओं से आराम न मिले तो ऐसे केस में थूजा का प्रयोग करना चाहिए थूजा गोखरू के लिए बहुत ही बढ़िया दवा है थूजा का मदर टिंक्चर का बाहरी बाहरी उपयोग गोखरू पर लगाने के लिए कर सकते हैं इससे गोखरू मुलायम बनता है तथा गोखरू के प्रभाव को काम करती है। थूजा को  खाने के लिए थूजा को सदैव हाई पोटेंसी/ज्यादा पावर में लेना चाहिए इस दवा की पोटेंसी 200c से 1000c से अथवा 10000c तक किया जा सकता है।

4. साइलेसिया 
होम्योपैथी में गोखरू के लिए प्रयोग की जाने वाली दवाओं में साइलेसिया का प्रमुख स्थान है जब रोगी का गोखरू मुलायम और अंगूठे पर हो तथा उसमें अधिक जलन के साथ दर्द और पसीना आए तथा कभी-कभी गोखरू से मवाद भी निकलता हो तो इस प्रकार के लक्षण रहने पर होम्योपैथिक दवा साइलेसिया के प्रयोग से अधिक फायदा होता है।

5. नाइट्रिक एसिड 
गोखरू में दवा का उपयोग जब गोखरू बहुत ही सख्त हो और वह फटा हुआ हूं तथा चलने फिरने से उसने अत्यधिक दर्द तथा खून निकलता हो तो इस प्रकार के गोखरू के लक्षण रहते हुए होम्योपैथिक दवा नाइट्रिक एसिड का उपयोग करना चाहिए।

Bottom Line
उपर्युक्त होम्योपैथिक दवाओं से पुराने से पुराने गोखरू का सफल इलाज किया जा सकता है उपर्युक्त  दवाओं का उपयोग करने से पहले गोखरू के साथ अन्य लक्षणों की जांच अवश्य करें इन दवाओं का लक्षणों के सही मिलान से ही दवाइयों का असर जल्दी होता है।

Leave a Comment

Homeopathy For Hair Loss – अच्छी हेयर ग्रोथ के लिए आजमाएं ये 6 दवाएं Herbs For Hair Growth | बाल उगाने की 7 अचूक जड़ी बूटियां खाएं ये 8 बीज- उगेंगे नए बाल, हेयर फॉल और गंजापन होगा दूर