खुजली / चर्म रोग में इन होम्योपैथिक दवाओं से मिलता है जल्द आराम

चर्म रोग का होम्योपैथिक इलाज

खुजली एक अत्यंत परेशान करने वाला रोग है। इसमें रोगी के शरीर में खुजली के साथ – साथ त्वचा का लाल होना, खुजलाते – खुजलाते खून निकल आना, अधिक गर्मी लगना और उसके साथ बेचैनी होना आदि लक्षण होते है


खुजली / चर्म रोग  के लिए प्रयुक्त होने वाली Top 10  होम्योपैथिक दवाएं 

  1. आर्सेनिक एल्बम
  2. सल्फर
  3. सीपिया 
  4. सोराइनम
  5. मैजेरियम
  6. रस – टॉक्स 
  7. ऐम्बरा-ग्रेसिआ
  8. एपिस – मैल
  9. हिपर -सल्फ
  10. थूजा 



आइए हम ऊपर दी गई Top 10  होम्योपैथिक दवाओं के बारे में थोड़ा डिटेल में बात कर लेते हैं

आर्सेनिक एल्बम 

यह होम्योपैथिक दवा चर्म रोग जैसे दाद खाज तथा सूखी खुजली में अत्यधिक फायदा करती है जब किसी चर्म रोग में बहुत खुजली तथा खुजलाने के बाद बेहद जलन होना, खुजलाने के समय आराम मालूम होना पर यह सोच कर कि बाद में जलन से जान निकल जाएगी यह समझ कर खुजलाना बंद कर देना इत्यादि लक्षण रहे तो खुजली के इस प्रकार के लक्षण रहने पर इस होम्योपैथिक दवा का प्रयोग करना चाहिए. आर्सेनिक की खुजली में ठंडे पानी से नहाने पर खुजली बढ़ जाती है तथा गर्मी में रहने पर खुजली में आराम मालूम होता है

सल्फर 

जब किसी रोगी की खुजली जबरदस्त खुजलाहट और अत्यधिक संवेदनशील हो और उस रोगी की त्वचा गंदी दिखाई पड़ती है और खुजली के साथ-साथ एलर्जी तथा एक्जिमा का प्रकोप हो ऐसे लक्षण रहने पर होम्योपैथी में सल्फर को खुजली की मुख्य दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है, रोगी को खुजली में खुजलाने से मिलता है परंतु खुजलाते – खुजलाते समस्या अत्यधिक गंभीर होती जाती है सल्फर के रोगियों की खुजली में उनके नहाने धोने से इजाफा होता है

सीपिया 

होम्योपैथी में चर्म रोग जैसे दाद, एक्जिमा, हर्पिस असहाय खुजली, मुंह दाढ़ी तथा सिर में दाद होने पर सीपिया का प्रमुख स्थान है और यह एक उत्कृष्ट औषधि है जब किसी रोगी को ऐसी खुजली हो जाए कि उसको खुजलाने से भी राहत न मिलती हो तो होम्योपैथिक दवा सीपिया का प्रयोग करना चाहिए

सोराइनम 

जब किसी व्यक्ति को चर्म रोग तथा खारिश के साथ थोड़ा दर्द का भी अनुभव हो सोराइनम  का प्रयोग करें

मैजेरियम

जब किसी व्यक्ति का चर्म रोग और खुजली इतनी भयंकर हो कि रोगी का हाथ न रुके और बराबर त्वचा को खुजलाता ही रहे ऐसे लक्षण रहने पर होम्योपैथिक दवा मैजेरियम का प्रयोग करें

रस – टॉक्स 

जब किसी रोगी में खुजली और उसके  साथ चर्म रोग की गर्मी की वजह से बुखार हो जाए और उस व्यक्ति में खुजली के साथ बेचैनी होती है , शरीर में छोटे-छोटे दाने और  उदभेद निकल आएं , त्वचा पर  छाले जो एक प्रकार की त्वचा जल जाने पर दिखाई देते हैं और इनमें कभी-कभी मवाद भी पड़ जाता है और जहां पर चर्म रोग होता है वहां की त्वचा मोटी हो जाती है , रस – टॉक्स का प्रयोग करें

ऐम्बरा-ग्रेसिआ 

जननेन्द्रिय की खुजली और चर्म रोग के लिए इसे प्रयोग किया जाता है

एपिस – मैल

जब किसी व्यक्ति का चर्म रोग और उसकी खुजली गर्मी से बढ़ती हो तथा चर्म रोग वाली त्वचा में डंक मारने जैसा दर्द हो और रोगी को प्यास बिल्कुल न लगे, तो होम्योपैथिक की उत्कृष्ट दवा एपिस – मैल का प्रयोग करें

हिपर -सल्फ 

जब छोटी-छोटी मवाद भरी फुंसियों में खुजली हो, हिपर सल्फर लाभदायक है

थूजा 

जब किसी व्यक्ति को चर्म रोग के साथ मस्से हों और उन मस्सों मेंखारिश और खुजलाहट रहे तो ऐसे लक्षण होने पर होम्योपैथिक दवा थूजा का प्रयोग करना चाहिए

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